धनतेरस का पर्व सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए मनाया जाता है। दिवाली से ठीक पहले मनाया जाने वाला यह पर्व परिवार में खुशहाली और आर्थिक उन्नति का प्रतीक है।
धनतेरस भगवान धन्वंतरि का जन्मदिन है, जिन्हें आयुर्वेद के जनक और स्वास्थ्य के देवता माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा से रोगमुक्ति और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
धनतेरस 2024 पर त्रिपुष्कर योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस योग में खरीदी गई चीज़ें, जैसे सोना, चांदी और अन्य मूल्यवान वस्तुएं, विशेष रूप से शुभ मानी जाती हैं
इस वर्ष धनतेरस पर खरीदारी के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं: सुबह 6:31 से 10:31 और शाम 5:38 से 6:04। इस समय पर की गई खरीदारी घर में सुख-समृद्धि का संचार करती है।
प्रदोष काल (6:31 से 8:31) में भगवान धन्वंतरि और कुबेर देवता का पूजन विशेष फलदायी माना जाता है। घी का दीपक जलाकर पूजा करने से धन-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
धनतेरस की रात मुख्य द्वार पर यमराज का दीपक जलाएं। इस दिन 13 दीपक जलाने और दक्षिण दिशा में दीपक रखने से परिवार पर आई संकटों से रक्षा होती है।
धनतेरस की शाम मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाने से घर में संपन्नता और खुशहाली आती है। यह दीपक लक्ष्मी का स्वागत करते हुए समृद्धि का प्रतीक होता है।
धनतेरस पर नए बर्तन या रसोई के सामान खरीदना शुभ माना जाता है। यह क्रिया परिवार में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाती है, इसलिए इसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह संपत्ति में वृद्धि का प्रतीक है और इसे लक्ष्मी का वास लाने वाला माना जाता है।
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