Alert Cyber Crime News: चित्तौड़गढ़ से आई एक हैरान कर देने वाली खबर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इंस्टाग्राम सिर्फ रील्स देखने की जगह नहीं, अब वहां रील लाइफ से रियल ठगी भी की जा रही है। एक युवक ने सोचा था कि वो इंस्टाग्राम पर फ्रेंडशिप करेगा, लेकिन उसे क्या पता था कि दोस्ती की कीमत ₹1,23,700 रुपये चुकानी पड़ेगी!
एक शातिर ठग ने फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाकर एक युवक को अपने जाल में फंसाया और उससे 1 लाख 23 हजार 700 रुपये ठग लिए। इस चित्तौड़गढ़ में ऑनलाइन ठगी की घटना ने स्थानीय लोगों को सतर्क कर दिया है। आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि आप ऐसी फर्जी इंस्टाग्राम आईडी ठगी से कैसे बच सकते हैं।
क्या है यह साइबर ठगी का मामला?
चित्तौड़गढ़ में रहने वाले एक युवक ने 13 अप्रैल को साइबर थाने में शिकायत दर्ज की, जिसमें उसने बताया कि एक फर्जी इंस्टाग्राम आईडी के जरिए उससे ठगी की गई। आरोपी यासीन पठान ने एक लड़की के नाम से, जिसे उसने आरूषी जाट के रूप में पेश किया, फर्जी इंस्टाग्राम प्रोफाइल बनाई। इस प्रोफाइल के जरिए उसने पीड़ित से दोस्ती की और फिर भावनात्मक ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी।
पहले तो उसने गंभीर बीमारी के इलाज के लिए पैसे मांगे। युवक ने भरोसा करके ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कर दिए। लेकिन यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। जब युवक ने और पैसे देने से मना किया, तो आरोपी ने चैट वायरल करने और आत्महत्या का सुसाइड नोट लिखने की धमकी दी। डर के मारे युवक ने बार-बार पैसे ट्रांसफर किए, जिसके बाद कुल 1 लाख 23 हजार 700 रुपये की ठगी हो गई।
चित्तौड़गढ़ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए यासीन पठान साइबर ठगी मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सुधीर जोशी के नेतृत्व में साइबर थाने ने सबूतों के आधार पर यासीन को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह चित्तौड़गढ़ पुलिस साइबर क्राइम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
साइबर ठगी का यह नया तरीका क्या है?
यह इंस्टाग्राम चैट ठगी का एक नया तरीका है, जिसमें ठग फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल करते हैं। खास तौर पर, फर्जी लड़की आईडी ठगी में ठग लड़कियों के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल करते हैं ताकि लोग आसानी से उनके जाल में फंस जाएं। इस मामले में आरोपी ने न केवल बीमारी का बहाना बनाया, बल्कि चैट वायरल करने और आत्महत्या की धमकी देकर पीड़ित को डराया।
ऐसे मामले अब पूरे देश में बढ़ रहे हैं। ऑनलाइन पैसे ठगी न्यूज़ में अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जहां लोग भरोसे और डर के कारण ठगों के शिकार बन जाते हैं। खासकर युवा, जो सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय हैं, इन ठगों का आसान निशाना बन रहे हैं।

साइबर ठगी से बचने के लिए क्या करें?
चित्तौड़गढ़ न्यूज़ साइबर क्राइम की इस घटना से हमें यह सीख मिलती है कि साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। नीचे कुछ उपाय दिए गए हैं, जो आपको सुरक्षित रख सकते हैं:
- अनजान प्रोफाइल से सावधान रहें: अगर कोई अनजान व्यक्ति इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपसे दोस्ती करने की कोशिश करता है, तो उसकी प्रोफाइल को अच्छे से जांचें। फर्जी प्रोफाइल में अक्सर कम फॉलोअर्स, नई आईडी, या संदिग्ध गतिविधियां होती हैं।
- पैसे ट्रांसफर करने से पहले सत्यापन करें: अगर कोई बीमारी या अन्य कारणों से पैसे मांगता है, तो उसकी सच्चाई की जांच करें। सीधे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने से बचें।
- ब्लैकमेलिंग की धमकी पर न डरें: अगर कोई चैट वायरल करने या अन्य तरह की धमकी देता है, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में शिकायत करें।
- पर्सनल जानकारी साझा न करें: अपनी निजी जानकारी, जैसे बैंक डिटेल्स, पासवर्ड, या व्यक्तिगत तस्वीरें, किसी के साथ साझा न करें।
- साइबर क्राइम हेल्पलाइन का उपयोग करें: भारत में साइबर क्राइम की शिकायत के लिए 1930 पर कॉल करें या नजदीकी साइबर थाने में संपर्क करें।
चित्तौड़गढ़ पुलिस की सराहनीय कार्रवाई
चित्तौड़गढ़ न्यूज़: इस साइबर ठगी चित्तौड़गढ़ मामले में स्थानीय पुलिस ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की। साइबर थाने की सक्रियता और सबूतों के आधार पर आरोपी की गिरफ्तारी से यह साफ है कि चित्तौड़गढ़ पुलिस साइबर क्राइम के खिलाफ गंभीर है। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि हमें ऑनलाइन दुनिया में सावधान रहना होगा।
निष्कर्ष Cyber Crime
चित्तौड़गढ़ में ऑनलाइन ठगी का यह मामला हमें सिखाता है कि सोशल मीडिया पर दोस्ती और भरोसा करने से पहले सावधानी बरतना जरूरी है। फर्जी इंस्टाग्राम आईडी ठगी जैसे मामले बढ़ रहे हैं, और इनसे बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। अगर आप भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, तो अनजान लोगों से सावधान रहें और अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखें।
चित्तौड़गढ़ पुलिस की इस कार्रवाई से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं कम होंगी। अगर आपके साथ भी ऐसी कोई घटना हो, तो तुरंत साइबर थाने में शिकायत दर्ज करें। आइए, हम सब मिलकर एक सुरक्षित डिजिटल दुनिया बनाएं।