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Uttar Pradesh Crime Story 2025: 15 दिन की दुल्हन बनी खूनी, प्रेमी के लिए करवाया मर्डर पढ़ें पूरी क्राइम स्टोरी

By Anil

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Uttar Pradesh Crime Story 2025
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Uttar Pradesh Crime Story 2025: औरैया मर्डर केस 2025 ने उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले औरैया को सुर्खियों में ला दिया। यह कहानी प्रेम, विश्वासघात और लालच की ऐसी दास्तान है, जो किसी के भी रोंगटे खड़े कर दे। प्रगति यादव क्राइम स्टोरी और दिलीप सिंह यादव हत्या ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर दिया, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। आइए, इस Uttar Pradesh Crime Story 2025 के हर पहलू को विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि कैसे एक प्रेम कहानी खौफनाक साजिश में बदल गई।

एक प्रेम कहानी की शुरुआत: दिलीप और प्रगति का रिश्ता

5 मार्च 2025 को औरैया जिले के दिबियापुर में दिलीप यादव हत्या का रहस्य शुरू होने से पहले एक खुशी का माहौल था। 21 साल का दिलीप सिंह यादव अपनी प्रेमिका प्रगति यादव के साथ शादी के बंधन में बंध रहा था। यह कोई साधारण शादी नहीं थी। दिलीप और प्रगति की प्रेम कहानी तीन साल की थी, जिसमें दोनों ने परिवार की मंजूरी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी। प्यार में धोखा क्राइम स्टोरी की नींव यहीं से पड़ चुकी थी, लेकिन किसी को इसका अंदाजा नहीं था।

दिलीप एक सीधा-सादा और मेहनती लड़का था। उसका परिवार हाइड्रा और क्रेन का बिजनेस चलाता था, जो चार जिलों में फैला था। दूसरी ओर, प्रगति, जो दिलीप के बड़े भाई संदीप की साली थी, अपनी खूबसूरती और चतुर व्यवहार के लिए जानी जाती थी। परिवार शुरू में इस शादी के खिलाफ था, क्योंकि एक ही घर की दो लड़कियों का उनके परिवार में आना उन्हें मंजूर नहीं था। लेकिन प्रेम कहानी में साजिश की शुरुआत तब हुई, जब दिलीप की जिद और प्रगति की चालाकी ने परिवार को मना लिया।

Uttar Pradesh Crime Story 2025: शादी के 15वे दिन पति की हत्या कराई फिर प्रेमी संग होटल में…. 

Uttar Pradesh Crime Story 2025
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शादी के बाद की चमक: क्या थी सच्चाई?

शादी के बाद शादी के बाद हत्या की साजिश का पहला अध्याय शुरू हुआ। प्रगति ने केवल तीन दिन में ससुराल में सबका दिल जीत लिया। दिलीप का परिवार खुश था, और ऐसा लग रहा था कि अब जिंदगी में केवल खुशियां होंगी। लेकिन जैसा कि कहा जाता है, हर चमकती चीज सोना नहीं होती। प्यार और लालच की कहानी में यह खुशी सिर्फ तूफान से पहले की शांति थी।

9 मार्च 2025 को, हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार, प्रगति अपने मायके चली गई। दूसरी ओर, दिलीप 19 मार्च को अपने काम पर लौटा। उसने बेला गांव में काम निपटाया और प्रगति व अपने भाई को फोन कर बताया, “मैं थोड़ी देर में घर पहुंच रहा हूं।” उसकी आवाज में वही गर्मजोशी थी, जो हमेशा थी। लेकिन यह आखिरी बार था जब परिवार ने उसकी आवाज सुनी।

दिलीप का गायब होना: एक रहस्य की शुरुआत

शाम ढलने लगी, लेकिन दिलीप घर नहीं पहुंचा। परिवार की बेचैनी बढ़ने लगी। उन्होंने बार-बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। रात के 10 बज गए, और आखिरकार जब फोन उठा, तो दूसरी तरफ औरैया पुलिस की आवाज थी। एक अधिकारी ने कहा, “दिलीप सिंह यादव हॉस्पिटल में है। वह गंभीर रूप से घायल है।” यह खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया।

हॉस्पिटल पहुंचने पर नजारा दिल दहला देने वाला था। दिलीप वेंटिलेटर पर था, उसका चेहरा खून से लथपथ था, और सांसें जैसे रेत की तरह फिसल रही थीं। परिवार समझ नहीं पा रहा था कि इतने भले इंसान के साथ ऐसा कैसे हो सकता है। सबसे बड़ा सवाल था, प्रगति को ये खबर कैसे बताई जाए?

प्रगति का आंसुओं भरा ड्रामा

प्रगति के परिवार ने हिम्मत जुटाकर उसे यह खबर दी। खबर सुनते ही प्रगति टूट गई। वह हॉस्पिटल पहुंची और दिलीप की हालत देखकर फूट-फूटकर रोने लगी। उसका रोना इतना मार्मिक था कि हॉस्पिटल में मौजूद हर शख्स सिहर उठा। लेकिन क्या यह आंसू सच्चे थे, या प्रगति यादव और अनुराग यादव साजिश का हिस्सा? यह सवाल बाद में सामने आया।

डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि दिलीप के सिर पर किसी भारी चीज से जोरदार वार किया गया था। पुलिस ने परिवार से पूछा कि क्या दिलीप की किसी से दुश्मनी थी, लेकिन परिवार ने साफ मना कर दिया। दिलीप की सादगी और मेहनती स्वभाव के चलते यह बात सच भी लगती थी।

दिलीप की मौत और पोस्टमॉर्टम का चौंकाने वाला खुलासा

परिवार ने दिबियापुर क्राइम न्यूज में इसे दर्ज कराने के लिए FIR कराई। लेकिन दो दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद, 21 मार्च 2025 को दिलीप ने आखिरी सांस ली। शादी की खुशी, जो अभी पूरी तरह खिली भी नहीं थी, मातम में बदल गई। प्रगति यादव ने दिलीप की हत्या क्यों की? यह सवाल हर किसी के मन में था।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने इस केस को पूरी तरह पलट दिया। रिपोर्ट में लिखा था कि दिलीप के सिर पर इतने गहरे वार किए गए थे कि उसका स्कल चूर-चूर हो गया था। और चौंकाने वाली बात यह थी कि उसके सिर के पीछे एक गोली भी मारी गई थी। यह अब साफ था कि यह कोई लूटपाट नहीं, बल्कि सच्ची मर्डर मिस्ट्री हिंदी में दर्ज होने वाली सोची-समझी हत्या थी।

पुलिस की जांच: ऑपरेशन त्रिनेत्र का कमाल

Uttar Pradesh Crime Story 2025 (औरैया मर्डर केस)
Uttar Pradesh Crime Story 2025 (औरैया मर्डर केस)

औरैया पुलिस ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत जांच शुरू हुई। इस ऑपरेशन में हजारों सीसीटीवी कैमरे क्राइम हॉटस्पॉट्स और हाईवे पर लगाए गए हैं, जो कंट्रोल रूम से जुड़े हैं। पुलिस ने बेला और दिबियापुर के बीच हर फुटेज को खंगाला। आखिरकार, पलिया गांव मर्डर केस में एक महत्वपूर्ण सुराग मिला।

पलिया गांव की ओर जाने वाली सड़क के एक कैमरे में दिलीप एक बाइक पर दो अनजान लोगों के साथ दिखा। जांच में पता चला कि इनमें से एक शख्स राम जी नागर, एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर था, जो कई संगीन अपराधों में जेल जा चुका था। पुलिस ने राम जी को पकड़ा, और सख्त पूछताछ में उसने बताया कि दिलीप की हत्या की सुपारी उसे अनुराग यादव ने दी थी।

अनुराग यादव कौन है?

जब पुलिस ने परिवार से अनुराग के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि वे उसे नहीं जानते। लेकिन पुलिस ने अनुराग को राम जी के बताए पते से पकड़ लिया। और यहीं से औरैया मर्डर केस का सच क्या है? सामने आने लगा।

पुलिस जब दिलीप के घर पहुंची, जहां मातम का माहौल था, तो उन्होंने प्रगति को बाहर बुलाया। अचानक पुलिस का रवैया बदला, और एक महिला कांस्टेबल ने प्रगति को हिरासत में ले लिया। परिवार और गांव वाले हैरान थे। पुलिस ने खुलासा किया कि दिलीप की हत्या की पूरी साजिश प्रगति ने रची थी

प्रगति और अनुराग की साजिश: पांच साल पुरानी कहानी

प्रगति यादव ने दिलीप की हत्या क्यों की? इसका जवाब जानने के लिए हमें 2020 में फफूंद गांव जाना होगा। प्रगति का घर अनुराग यादव के घर से सिर्फ 100 मीटर दूर था। अनुराग एक दिखावटी शख्स था, जो ब्रांडेड कपड़े, महंगी गाड़ियों, और सोशल मीडिया पर झूठी शान दिखाने में माहिर था। लेकिन हकीकत में उसके पास न नौकरी थी, न अपनी बाइक। वह ट्रैक्टर चलाकर गुजारा करता था।

प्रगति उसकी झूठी चमक से आकर्षित हो गई। दोनों के परिवारों में जमीन के विवाद थे, फिर भी उनका गुप्त रिश्ता शुरू हुआ। अनुराग ने प्रगति के कहने पर अपना नाम तक बदल लिया। यह रिश्ता इतना गहरा हुआ कि प्रगति साईं मंदिर जाने के बहाने अनुराग से मिलने लगी। जब परिवार को पता चला, तो उन्होंने इस रिश्ते को खारिज कर दिया। लेकिन प्रगति ने जिद में अपनी नस तक काट ली, जिससे उसका जुनून साफ झलकता था।

लालच का बीज और दिलीप का प्रवेश

प्रगति की बड़ी बहन पारुल की शादी एक अमीर परिवार में हुई थी, जिसने प्रगति के मन में लग्जरी जीवन की चाहत जगाई। उसे लगता था कि अनुराग उसे यह जीवन दे सकता है, लेकिन धीरे-धीरे उसे एहसास हुआ कि अनुराग की हैसियत इतनी नहीं। यहीं से फफूंद गांव क्राइम स्टोरी ने नया मोड़ लिया।

प्रगति की बहन के ससुराल में दिलीप, जो अविवाहित था, प्रगति के लिए नया टारगेट बन गया। प्रगति ने दिलीप से दोस्ती की, जो जल्द ही प्यार में बदल गई। लेकिन यह प्यार सिर्फ दिलीप की ओर से था। प्रगति ने तीन साल तक प्यार का नाटक किया, ताकि वह दिलीप की संपत्ति हासिल कर सके।

Auraiya Murder Case 2025: हत्या का प्लान

प्रगति ने दिलीप को अनुराग से मिलवाया और उनकी दोस्ती करवाई। दिलीप को बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि अनुराग और प्रगति का रिश्ता कितना गहरा है। शादी के बाद प्रगति ने अनुराग के साथ मिलकर दिलीप की हत्या की योजना बनाई। अनुराग ने अपने मौसेरे भाई दुर्लभ यादव और राम जी नागर को शामिल किया। सुपारी का रेट तय हुआ—दो लाख रुपये।

Uttar Pradesh Crime Story 2025 (औरैया मर्डर केस)
Uttar Pradesh Crime Story 2025 (औरैया मर्डर केस)

पैसे का इंतजाम प्रगति ने शादी में मिले 70,000 रुपये और दिलीप से मांगे 30,000 रुपये से किया। 19 मार्च 2025 को प्रगति ने दिलीप की लोकेशन अनुराग को दी। राम जी, दुर्लभ, और उनके दोस्त शिवम ने दिलीप को सुनसान खेत में ले जाकर बेरहमी से मारा। उसे गोली मारी गई, और उसे मरा समझकर छोड़ दिया गया। लेकिन दिलीप की सांसें चल रही थीं, और गांव वालों ने उसे हॉस्पिटल पहुंचाया।

पुलिस का जाल और साजिश का पर्दाफाश

औरैया मर्डर केस की सच्ची कहानी तब सामने आई, जब सीसीटीवी फुटेज ने राम जी को पकड़वाया। उसने अनुराग और प्रगति का नाम लिया। पुलिस ने प्रगति, अनुराग, और राम जी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दुर्लभ और शिवम फरार हो गए। 27 मार्च 2025 को पुलिस ने उन्हें भी एक एनकाउंटर में पकड़ लिया।

कानूनी कार्रवाई और समाज पर प्रभाव

इन पांचों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 1031 (हत्या), 612 (साजिश), और 35 (सामूहिक अपराध) के तहत केस दर्ज हुआ। अगर दोष सिद्ध हुआ, तो सजा फांसी या उम्रकैद हो सकती है। यह केस सच्ची मर्डर मिस्ट्री हिंदी में एक नया अध्याय जोड़ता है, जो बताता है कि प्यार के नाम पर लालच कितना खतरनाक हो सकता है।

प्रगति और अनुराग की साजिश ने समाज को यह सोचने पर मजबूर किया कि जब रिश्तों में भरोसा टूटता है, तो न सिर्फ जिंदगियां बर्बाद होती हैं, बल्कि परिवार भी टूट जाते हैं। यह कहानी हमें सिखाती है कि प्यार और विश्वास अनमोल हैं, और इन्हें कभी लालच की भेंट नहीं चढ़ाना चाहिए।

Anil

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